अप्रैल 2017 में हरियाणा और मुंबई समेत दूसरे राज्यों में चीनी किट से गर्भ में पल रहे शिशु का लिंग पता करने का घिनौना खेल चल रहा है। अकेले हरियाणा में गर्भस्थ का लिंग पता करने के 80 मामले प्रकाश में आ चुके हैं। 10 से ज्यादा लोगों पर कानूनी कार्रवाई हो चुकी हैं। इंडियन फेडरेशन ऑफ अल्ट्रासाउंड इन मेडिसिन एंड बायोलॉजी (आईएफयूएमबी) के सदस्य डॉ. अतुल कुमार अग्रवाल ने बताया कि चीन से आयतित किट से न सिर्फ लिंग निर्धारण हो रहा है बल्कि गर्भ का चिकित्सीय समापन भी हो रहा है। उन्होंने बताया कि गर्भस्थ के खून के नमूने से उसके लिंग का पता लगाया जा रहा है। खून की दो बूंद किट पर रखी जाती है। नतीजा सामने आ जाता है। चिकित्सा विज्ञान में इसे फिटल हीमोग्लोबिन जांच कहते हैं। इसके अलावा किट के साथ मुहैया कराई जा रही दवा से कोख में ही लड़कियों की हत्या किए जाने की भी आशंका है। उन्होंने बताया वे खुद भी हरियाणा सरकार और वहां के स्वास्थ्य महानिदेशक को भी पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि पत्र में प्रतिबंधित चीनी किट की बेच-खरीद पर कड़ाई से प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है।
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