शुक्रवार, 27 अक्तूबर 2017

प्रधान आरक्षक की पिटाई मामले में समझौते का दबाव बनाने थाना पहुंचे नेता

प्रधान आरक्षक की पिटाई मामले में समझौते का दबाव बनाने थाना पहुंचे नेता

बिलासपुर। तोरवा थाना परिसर में घुसकर प्रधान आरक्षक की पिटाई करने के मामले में आज पकड़े गए एक आरोपी को छुड़ाने भाजपा नेता अशोक विधानी समर्थकों के साथ फिर से तोरवा थाना पहुंचे और मामले में पुलिस पर समझौता का दबाव बनाया गया जिसपर पुलिस ने समझौते से इनकार करते हुए आरोपी को छोड़ने से मना कर दिया।

ज्ञात हो कि बीते बुधवार की रात 10:30 बजे के करीब हेमूनगर निवासी अनिल कुमार रोहरा अपने साथियों के साथ तोरवा थाना पहुंच कर शिकायत की जांच नहीं करने का दबाव बनाते हुए हंगामा करने लगा जिसपर थाना स्टाफ के द्वारा हंगामा करने  मना किया इसी बीच अनिल कुमार रोहरा ने थाना में पदस्थ प्रधान आरक्षक लव सिंह ध्रुव की पिटाई कर दी और थाने में जमकर तोड़फोड़ भी कर दी। यही नही प्राप्त सूत्रों की माने तो आरोपी द्वारा जब थाने में तोड़फोड़ कर रहा था तब एक महिला आरक्षक अपने मोबाईल से आरोपी का वीडियो बना रही थी वीडियो बनाते हुए देख आरोपी ने महिला आरक्षक का हाथ पकडकर मोबाईल छिनने का प्रयास किया था। जिसके बाद मारपीट करने वाले युवकों ने नगर निगम के सभापति अशोक विधानी को लेकर थाने पहुंच गए। जहां अशोक विधानी ने युवकों द्वारा प्रधान आरक्षक की पिटाई करने की बात को नकारते हुए उल्टा आरक्षको पर मारपीट करने का आरोप लगा दिया और मामले में समझौता करने के बात कही।
परन्तु थाना स्टाफ ने समझौते से इनकार करते हुए प्रधान आरक्षक लव सिंह ध्रुव की शिकायत पर पुलिस ने अनिल कुमार रोहरा, मनीष कुमार, पप्पू के साथ अन्य युवकों के खिलाफ जुर्म दर्ज कर लिया। जिसके बाद गुरुवार की सुबह सभापति अशोक विधानी अपने समर्थकों के साथ फिर से समझौता कराने के लिए तोरवा थाने पहुंच गए। हालांकि पुलिस ने समझौते की बात को सिरे से खारिज कर दिया गया। और थाना प्रभारी ने कहा कि थाने में घुसकर प्रधान आरक्षक से मारपीट करना गंभीर अपराध है।

धारा186,353,332,294,506,325,147 के तहत एफआईआर हो चुकी है। मामले में आज पुलिस ने जब फरार मुख्य आरोपी अनिल कुमार रोहरा को गिरफ्तार कर थाना लाने की सूचना मिलते ही भाजपा के नगर निगम सभापति अशोक विधानी अपने समर्थकों के साथ आरोपी को छुड़वाने तोरवा थाना पहुँचे और मामले में समझौते का दबाव बनाया जिसपर  थानाप्रभारी ने सभापति को मामले एफआईआर होने का हवाला देकर चलता कर दिया। जिसके बाद सभापति अशोक विधानी थाने से नाराज होकर चल दिये।

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