उस रात डेरे में एक आदमी ने कहा -तुम्हें डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने बुलाया है अपने कमरे में.मुझे लगा हो सकता है, कोई जरूरी बात हो.मैं सिर नीचा कर चली गई.बाबा जी को प्रणाम किया.उन्होंने बिस्तर के एक तरफ बैठने का इशारा किया.मुझे बहुत संकोच हो रहा था.पहले कभी बाबा के सामने इस तरह पेश नहीं हुई थी.वो भी रात का वक्त.बाबा के प्रति पूरी श्रद्धा होते हुए भी मन में अजीब सी आशंकाएं उमड़-घुमड़ रहीं थी.आखिर महिला जो मैं ठहरी.जब मेरी नजर कमरे में चल रही टीवी पर पड़ी तो बड़ा झटका लगा.पैरों तले जमीन खिंसक गई.जिसे प्रभु का अवतार मानकर श्रद्धा में सिर झुकाती चली आई, वह बाबाजी गंदी फिल्म चलाए बैठे थे.मेरी तरफ कुटिल मुस्कान फेरकर बाबा ने कुछ यूं इशारा किया कि मेरी नजर बिस्तर पर रखे रिवॉल्वर पर पड़ गई.मैं डरने लगी.अचानक बाबा ने मुझे मेरी मर्जी के विपरीत पकड़ लिया.अश्लील हरकतें करने लगे.मैने चिल्लाने की कोशिश की तो मुंह दबा दिया.रिवाल्वर दिखाकर मुझे व घर वालों को जान से मारने की धमकी दी.पूरी रात गुरमीत राम रहीम ने रेप किया.एक बार बाबा राम रहीम रेप करने में सफल रहे तो फिर कई बार सिलसिला चला.
यह वही चिट्ठी रही, जिसे साध्वी ने मई 2002 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी को लिखकर दुष्कर्म के मामले में इंसाफ की गुहार लगाई थी.यह पत्र हरियाणा और पंजाब हाईकोर्ट को भी भेजा गया था.प्रधानमंत्री ने भले ध्यान नहीं लिया, मगर इसी पत्र को संज्ञान में लेकर हाईकोर्ट ने CBI को जांच का आदेश दिया.साध्वी ने पत्र में लिखी बातें हुबहू बयान के रूप में भी CBI के सामने दर्ज कराई.जिसके चलते बाबा राम रहीम साध्वी के साथ और कई महिलाओं के यौन शोषण में बुरी तरह फंस गए.
चिट्ठी से खफा बाबा ने करा दी साध्वी के भाई की हत्या
यौन शोषण के खिलाफ चिट्ठी लिखने के बाद मामले की जांच शुरू हुई तो गुरमीत राम रहीम भड़क उठे.चिट्ठी लिखने के बाद साध्वी ने डेरा छोड़ दिया था.बहन के यौन शोषण से खफा होकर डेरा सच्चा सौदा प्रबंध समिति के सदस्य रणजीत सिंह ने गुरमीत के पापों की कलई खोलने की धमकी दी.इस पर गुरमीत का शक पुख्ता हुआ कि यह चिट्ठी रणजीत सिंह ने ही लिखवाई.इससे खफा होकर गुरमीत रहीम के आदेश पर डेरा समर्थकों ने 10 जुलाई 2002 को रणजीत सिंह की हत्या कर दी.
रणजीत का उस वक्त मर्डर हुआ, जब वह घर से कुछ ही दूरी पर रोड किनारे अपने खेतों में नौकरों के लिए नाश्ता लेकर जा रहे थे.हत्यारों ने अपने गाड़ी को जीटी रोड पर खड़ा रखा और गोलियों से भूनने के बाद फरार हो गए.
खबर छपने पर पत्रकार का करा दिया कत्ल
यौन शोषण के मामले को दबाने के लिए गुरमीत राम रहीम हत्याएं कराने से नहीं चूके.साध्वी से दुष्कर्म के मामले को सिरसा के लोकल सांध्य दैनिक पूरा सच के संपादक रामचंद्र छत्रपति ने प्रमुखता से छापा जिससे हड़कंप मच गया.इतना ही नहीं जब साध्वी के भाई रणजीत सिंह की हत्या हुई तो उस खबर को बड़े अखबारों ने भी ठीक से कवर नहीं किया.मगर रामचंद्र ने अपने अखबार में डेरा सच्चा सौदा मुखिया गुरमीत पर हत्या कराने का खुलासा कर तहलका मचा दिया.इस खबर से सिंहासन डोलता नजर आया तो फिर गुरमीत राम रहीम ने एक और हत्या करने का फैसला कर लिया.
24 अक्टूबर 2002 को घर के बाहर बुलाकर पांच गोलियां मारकर छत्रपति को बुरी तरह घायल कर दिया गया.चूंकि छत्रपति सच्चाई लिखने से नहीं चूकते थे, उनकी धारदार पत्रकारिता की तूती बोलती थी.21 नवंबर 2002 को सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की दिल्ली के अपोलो अस्पताल में मौत हो गई.
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