मुंगेली.संजय जायसवाल
प्रदेश के सबसे पुराने तहसील मुंगेली की अपनी एक अलग पहचान है। धार्मिक,राजैतिक दृष्टिकोण से प्रदेश में मुंगेली की गिनती अलग ही होती है यहां के लोगो मे किसी भी धार्मिक आयोजन को लेकर काफी उत्साह देखने को मिलता है चाहे वो दशहरा उत्सव हो या अन्य कोई भी आयोजन हो पर इस वर्ष इतने बड़े आयोजन दशहरा उत्सव रावण दहन के कार्यक्रम को लेकर नगरपालिका अपनी सहभागिता सुनिश्चित नही कर पाई है।जिसको लेकर नगर के लोगो मे भारी निराशा देखने को मिल रही है।दशहरा हिंदुओ का बड़ा त्यौहार है जो पूरे देश मे मनाया जाता है लोगो को सालभर से ऐसे उत्सवों का बेसब्री से इंतजार करते है
लेकिन लगता है इस बार के दशहरे में नगर पालिका के ऊपर रावण भारी पड़ रहा है इस आयोजन में होने वाले खर्चे को लेकर अभी तक नगरपालिका अधिकारी ,जनप्रतिनिधियों में एक राय नही बन पाना इसका एक बहुत बड़ा कारण है ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि नगरपालिका के द्वारा इस प्रकार का रवैया अपनाया गया है उसको लेकर के क्या आम लोगो को इस बार नगरपालिका के द्वारा तैयार करवाये गए रावण के दर्शन नही हो पाएंगे।
हालांकि दशहरा उत्सव समिति द्वारा कई वर्षो से दशहरा उत्सव नगर में मनाते आ रहे थे ।पिछले 7,8 वर्षो से एक नई परंपरा बनी और नगरपालिका ने इस उत्सव को और भी बेहतर तरीके से मनाने में अपनी सहभागिता देते रही।पर इस वर्ष लोगो को निराशा हाथ लग सकती है। अब आगे देखने वाली बात होगी कि नगर की पहचान बन चुकी इस आयोजन को लेकर जनप्रतिनिधि और अन्य संगठन के लोगो के द्वारा क्या कारगर कदम उठा सकते है ताकि नगर में रावण दहन का उत्सव बी.आर.साव स्कूल प्रांगण में बड़ी धूमधाम से मनाया जा सके।
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