हाईकोर्ट के रिटायर जज गिरफ्तार, मेडिकल कॉलेज संचालक भी सीबीआई की गिरफ्त में!
उड़ीसा के सेवानिवृत्त जज आईएम कुद्दूसी को सीबीआई ने चार अन्य के साथ गिरफ्तार किया।
लखनऊ. सीबीआई ने उड़ीसा हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश आईएम कुद्दूसी को गिरफ्तार किया है। उनके साथ मेडिकल कॉलेज संचालक बीपी यादव, पलाश यादव समेत विश्वनाथ अग्रवाल व रामदेव सारस्वत को भी गिरफ्तार किया गया है। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मेडिकल कालेज की मान्यता के मामले में सीबीआई ने कल इन सभी के लखनऊ, दिल्ली समेत कई परिसरों पर छापा मारा था। इन्हें आज दिल्ली की सीबीआई अदालत में पेश किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले दिल्ली सीबीआई की एंटी करप्शन यूनिट राजधानी में एक रिटायर जज, प्रसाद इंस्टीट्यूट व उनके मालिकों के घर पर छापेमारी की। सीबीआई ने यह कार्रवाई एजुकेशन इंस्टिट्यूट के फर्जी दस्तावेज से मान्यता, भ्रष्टाचार और कोर्ट में मामला पक्ष में लाने के प्रयास के दौरान साठ-गाठ के आरोप में की गई है। सीबीआई ने इस मामले में उड़ीसा के हाईकोर्ट के रिटायर जज आईएम कुद्दूसी, लखनऊ में प्रसाद मेडिकल कॉलेज चलाने वाले प्रसाद एजुकेशनल ट्रस्ट के बीपी यादव और पलाश यादव समेत पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। सीबीआई ने लखनऊ समेत करीब नौ ठिकानों पर छापेमारी की। वहीं दिल्ली से एक करोड़ की डील करते हुए एक गिरफ्तारी भी हुई। इसी के बाद जांच लखनऊ तक पहुंची।
प्रसाद मेडिकल कालेज का नाम उन 46 मेडिकल संस्थानों में शामिल है, जिसमें सरकार ने नए दाखिले के लिए रोक लगा दी थी। केंद्र ने मानकों के कारण एक या दो साल के लिए यहां प्रवेश पर रोक लगा रखी है। लेकिन प्रसाद एजुकेशनल ट्रस्ट के बीपी यादव और पलाश यादव ने इस फैसले को कोर्ट में चुनौती दी है। इसी मामले को सेटल करने के संबंध में सीबीआई ने बुधवार को दिल्ली में एक शख्स द्वारा करीब एक करोड़ की घूस के लेते गिरफ्तार किया।
सीबीआई ने दिल्ली में रियाटर जज आईएम कुद्दूसी, बीपी यादव, पलाश यादव, भावना पांडेय, सुधीर गिरी, विश्वनाथ अग्रवाल समेत अन्य के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। इस सभी का संबंध प्रसाद एजुकेशन ट्रस्ट के कॉलेज की मान्यता वापस दिलाने की गैगकानूनी कोशिश में सामने आया।
सीबीआई ने बुधवार को लखनऊ में एल्डिको ग्रीन में रिटायर जज आईएम कुद्दूसी के आवास, ट्रस्ट का प्रबंधन देखने वाले बीपी यादव और पलाश यदाव समेत करीब आठ ठिकानों पर छापेमारी की थी। आरोप है कि बीपी और पलाश यादव बिचौलिओं की मदद से रिटायर जज तक पहुंचें थे। इन्हीं के जरिये वह कोर्ट में पहुंच का फायदा उठाकर भ्रष्ट और अवैध तरीकों से मामले को अपने पक्ष में कराना के प्रयास में थे।
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